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तीन नये कानून के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न,तीन पुराने कानून के स्थान पर नये कानून 1 जुलाई से लागू होगा

तीन नये कानून के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

तीन पुराने कानूनों के स्थान पर नये कानून 1 जुलाई से लागू होगा

सारंगढ़ बिलाईगढ़ – कलेक्टर कार्यालय सभागृह में 1 जुलाई 2024 से लागू हो रही भारतीय न्याय संहिता को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला का शुभारंभ न्यायाधीश शीलू सिंह, न्यायाधीश ध्रुवराज ग्वाल , कलेक्टर धर्मेश साहू, एसपी पुष्कर शर्मा, विजेंद्र सिंह ठाकुर , अवधेश पांडिग्राही , प्रवीण सोनी, वेद प्रकाश पटेल के द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में वेद प्रकाश पटेल जिला अभियोजन अधिकारी के साथ प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट शीलू सिंह, प्रवीण सोनी फॉरेंसिक अधिकारी , विजेंद्र सिंह ठाकुर महिला एवं बाल विकास अधिकारी, अवधेश पाणिग्रही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा, कलेक्टर धर्मेश साहू के द्वारा नए कानून को लेकर जानकारी सभा को दी। सभा में एनसीसी, स्काउट के कैडेट, एलएलबी के छात्र-छात्राओं के साथ नगर के गणमान्य एवं प्रतिष्ठित नागरिकों , पत्रकारगण एवं अधिकारी, कर्मचारी की उपस्थिति में नये कानून को लेकर कार्यशाला में प्रश्न उत्तर और चर्चा किया गया। प्रथम वक्ता के रूप में वेद प्रकाश पटेल डीपीओ ने अपने उद्बोधन में कहा कि – देश भर में 1 जुलाई 2024 से 3 नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। तीन नये आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 को भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023, सीआरपीसी 1898 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होगा। अभियोजन अधिकारी पटेल ने यह भी कहा कि पहले भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाता था अब यह दंड संहिता ना होकर भारतीय न्याय संहिता के नाम से जाना जाएगा, जिसे पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए संशोधन किया गया है। शीलू सिंह प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि 30 जून 2024 तक घटित अपराध पुराने कानून के अनुसार दंडित होंगे। 1 जुलाई से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है। नवीन कानून की आवश्यकता एवं अपरिहार्यता के संबंध में अपना वक्तव्य दिए। उन्होंने नवीन आपराधिक कानून में जोड़े गए नई धाराओं पुराने कानून से हटाई गई धाराओं एवं आवश्यक परिवर्तनों की विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि – नए कानून हमारे देश की विधि प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। नए कानून पर अपना उद्बोधन देते हुए फॉरेंसिक अधिकारी प्रवीण सोनी ने कहा कि नए कानून पूरी तरह से पारदर्शी है। कोई भी घटना कारित होती है तो उक्त स्थान को तत्काल सील कर दिया जाए। साथ ही साथ उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी किया जाए, जिससे घटना की सम्यक जानकारी सुस्पष्ट और सत्यता से परिपूरित हो सके। नए कानून के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। डिजिटल युग में साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और तकनीकी धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के अपराध सामने आ रहे हैं। इसके रोकथाम के लिए तीन नए कानून बनाए गए हैं। पत्रकार भरत अग्रवाल के प्रश्नों का उत्तर देते हुए महिला, बुजुर्ग, बालक क़े लिए नया कानून में महत्वपूर्ण है। नये महिला सुरक्षा कानून पर बारीकी से जानकारी देते हुए विजेंद्र सिंह ठाकुर महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने कहा कि धारा 70 के तहत सभी प्रकार के सामूहिक दुष्कर्म के लिए 20 वर्ष या आजीवन कारावास का प्रावधान है। जिला चिकित्सा अधिकारी ओमप्रकाश पाणिग्राही ने बताया नए न्याय व्यवस्था के तहत अब चिकित्सा क्षेत्र में भी पारदर्शी देखने को मिलेगी, डॉक्टर के द्वारा किए जाने वाले जांच बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। कलेक्टर धर्मेश साहू ने कहा कि नवीन न्याय संहिता में दंड नहीं बल्कि न्याय दिलाने की बात कही गई है। वर्तमान परिदृश्य में जो धाराएं अनुपयोगी हो गई हैं, उसे विलोपित किया गया है और आवश्यकता अनुसार संशोधित कर नए प्रावधानों को जोड़ा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में डिजिटल साक्ष्य को भी मान्यता दी गई है। पुलिस अधीक्षक पुष्कर पुष्कर शर्मा ने कहा कि – समय की जरूरत के अनुसार आज भारतीय दंड संहिता में संशोधन करते हुए नवीन न्याय संहिता लागू की जा रही है, जिसमें साक्ष्य महिला सुरक्षा को लेकर के जरूरी बदलाव किए गए हैं। इसके लागू होने से नागरिकों को बेहतर न्याय मिलेगा। नवीन न्याय संहिता के लागू होने से न्याय व्यवस्था को नहीं दिशा मिलेगी। भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को लागू होने वाला है। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक पंचायत हरिशंकर चौहान, एसडीएम अनिकेत साहू , स्निग्धा तिवारी, पुलिस विभाग के एएसपी कमलेश्वर चंदेल, थाना प्रभारी कोतवाली सारंगढ़ कामिल हक, सरसीवा थाना प्रभारी टीकाराम खटकर सहित अन्य थाना प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन एसडीएम अनिकेत साहू ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन एडिशनल पुलिस अधीक्षक कमलेशवर चंदेल के द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में पत्रकारगण भरत अग्रवाल, संजय मानिकपुरी, दीपक थवाईत, गोविंद बरेठा, प्रशांत प्रधान, धीरज बरेठ और राजू कीर्ति चौहान उपस्थित थे।

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