मनपसार सोसायटी में बने शासकीय गोदामों में विगत कई महीनों से स्व सहायता संचालकों द्वारा चावल को शासकीय गोदाम में रख कर वितरण करने का मामला…..
मनपसार सोसायटी में बने शासकीय गोदामों में विगत कई महीनों से स्व सहायता संचालकों द्वारा चावल को शासकीय गोदाम में रख कर वितरण करने का मामला…..
सरसीवां –बिलाईगढ ब्लाक के मनपसार सोसायटी में बने शासकीय गोदामों में विगत कई महीनों से स्व सहायता समिति के संचालक द्वारा गरीबों को मिलने वाले चांवल को शासकीय गोदाम में रख कर वितरण करने का मामला दिखाई पड़ रहा है।
जहां गाताडीह सिरपुर के समिति वालों ने अपनी निजी स्वार्थ एवं अपना किराया वचत करने आज मनपसार के शासकीय गोदामों में चांवल खाली कर हितग्राहियों को वितरण किया जा रहा है। जबकि समुह वालों को खाद विभाग के द्वारा स्वह सहायता समुह के नाम से आबंटन किया है ।और उसका देखरेख का जिम्मा समिति के संचालन कर्ता विनोद जायसवाल करता है । जबकि समिति वालों को अपना ख़ुद का किराये का भवन लेना चाहिए न कि शासकीय भवन को कब्जा कर विगत कई महीनों से अपने निजी स्वार्थ और किराये का मकान लेने का पैसा बचा रहे हैं ।। जबकि शासन और खाद्य विभाग वालों से अच्छी खासी कमिशन मिलती है । जबकि समिति वालों को पर क्विंटल 65,से 70,रूपये का कमीशन मिलता है । जबकि हर महीने समिति वाले 20,से 22,हजार का फायदा होता है ।।फिर भी समिति के लोग किराये का मकान लेने सक्षम नहीं है । जबकि मनपसार और आश्रित गांव सकरांपाली में राशनकार्ड धारकों की संख्या लगभग 500,से 700,के लगभग होगी।लगता है समिति के संचालक द्वारा यूं ही शासकीय बने गोदामों में चावल संचालित करने का मन बना चुके हैं । समिति संचालक विनोद जायसवाल का नेताओं से अच्छी खासी पकड़ा होगी ।तभी तो आज मनपसार गांव में बने शासकीय गोदामों में ट्रकों से चांवल खाली करवा कर बिना डरे अपना संचालित कर रहे हैं । मनपसार के सोसायटी के सेल्समेन पद से बने प्रबंधक सुरेश कुमार साहु रायकोना से शासकीय गोदामों का उपयोग समिति द्वारा किया जा रहा है ,इस संबंध में आप मनपसार सोसायटी के मनोनीत अध्यक्ष से बात कर लीजिए ।।
तब जाकर मनपसार सोसायटी के मनोनीत अध्यक्ष गोपाल साहु से शासकीय गोदाम के संबंध में जानकारी लेने पर बतलाया की ,मेरे द्वारा कई बार समिति चलाने वाले समिति के संचालक विनोद जायसवाल को शासकीय गोदाम को खाली करने कहा गया लेकिन अभी तक गोदाम खाली नहीं किया है । जबकि मनपसार सोसायटी को शासकीय गोदामों की आवश्यकता है । जबकि किसानो को शासन से मिलने वाले खाद या अन्य सामान रखने की जरूरत पड़ती है।।अब देखना है कि खबर प्रकाशित होने के बाद समिति वाले शासकीय गोदाम छोड़ते हैं या अपना मकान का किराया बचाते रहेंगे।।