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तेज रफ्तार वाहन चालक ने सड़क किनारे टहल रहे युवकों को ठोका। मुड़पार गांव का बालक दुर्घटना का हुआ शिकार अभी कोमा में है और नारायण हॉस्पिटल रायपुर में चल रहा है ईलाज।

तेज रफ्तार वाहन चालक ने सड़क किनारे टहल रहे युवकों को ठोका। मुड़पार गांव का बालक दुर्घटना का हुआ शिकार अभी कोमा में है और नारायण हॉस्पिटल रायपुर में चल रहा है ईलाज।

 

सरसीवा- बीते दिनों सरसीवां के पास मुड़पार गांव में एक सड़क हादसा हो गया जिसमें एक बालक कोमा में चला गया और उसका ईलाज रायपुर के नारायणा हॉस्पिटल में चल रहा है। मामले के बारे में घायल बालक के बड़े पिता कलाराम रत्नेश और थाना सरसीवां पुलिस ने बताया कि रोज की तरह कुनाल रत्नेश पिता स्व श्याम लाल रत्नेश उम्र 16 साल अपने दोस्त सुजीत रत्नेश,चेतन निराला के साथ मुड़पार रायकोना मुख्य मार्ग में स्थित पानी टंकी के पास किनारे में टहल रहे थे उसी बीच रामभाठा थाना सरसीवां निवासी हिमांशु दो पहिया गाड़ी क्रमांक CG11AD7510 में दो अन्य को बिठाकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए इन पर गाड़ी घुसा दी इससे कुनाल रत्नेश बुरी तरह घायल हो गया कुनाल अभी भी कोमा में है जिनका इलाज रायपुर के नारायणा हॉस्पिटल में चल रहा है। घटना 3 नवम्बर की शाम 6 बजे की है। इस हादसे में कुनाल के साथ किनारे में टहल रहे दोनों मित्रों को भी चोटे लगी हैं। सरसीवां पुलिस ने महेंद्र खटकर पिता भरत लाल की शिकायत पर उक्त वाहन को कब्जे में लेकर धारा 173 बी एन एस एस,281, 125 अ के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच पड़ताल कर कार्यवाही की है। आपको बता दें कि इस हादसे से घायल कुनाल को एम्स अस्पताल रायपुर ले जाया गया लेकिन ईलाज के लिए उसे अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती नहीं लिया। कुनाल बहुत ही गरीब घर का है एम्स जैसे बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती न कर पाना बड़ी विडंबना की बात है। गरीब बालक को एम्स प्रबंधन द्वारा ईलाज के लिए भर्ती नहीं लिया जाना एम्स अस्पताल की पुनः मनमानी सामने आई है। अक्सर यह आम शिकायतें है कि एम्स अस्पताल प्रबंधन गरीब,वंचित वर्ग के मरीजों को भर्ती नहीं लेता।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यहां पहुंच और पैसे वालों का ही इलाज किया जाता है। कुनाल बेसहारा है,गरीब है इनके पिता भी नहीं है ऐसे में इसका इलाज कैसे होगा यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। कुनाल के बड़े पिता कलाराम ने बताया कि आज दिनांक 15 नवम्बर तक 5 लाख रुपए की खर्च आ चुकी है अभी कुनाल कोमा में है पता नहीं कब तक ठीक होगा और कितना पैसा लगेगा। गांव के कइयों से उसके समुचित इलाज के लिए रकम उधारी लेकर अस्पताल भेज रहें हैं। जानकारी अनुसार आजकल ऐसे हादसे खूब हो रहे हैं। शाम होते ही लोग शराब पीकर गाड़ियां चला रहे हैं यदि सड़क पर पुलिस इसकी जांच करती है तो हर 10 में से 7 लोग नशे के हालत में मिलेंगे वहीं अधिकांश वाहन चालकों के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन का बीमा भी नहीं है इस ओर पुलिस प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।

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