अब यहां हिंसक जानवर के पद चिन्ह मिलने से ग्रामीणों में दहशत….वन विभाग ने गाँव में जारी किया अलर्ट
अब यहां हिंसक जानवर के पद चिन्ह मिलने से ग्रामीणों में दहशत….वन विभाग ने गांवों में जारी किया अलर्ट….
सारंगढ़ बिलाईगढ़ – छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले में स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र में कुछ दिन पहले तेंदुए जैसे हिंसक जानवर दिखने की पुष्टि हुई थी। उसके बाद से वन विभाग और जंगल से लगे गांवों में सतर्कता बरती जाने लगी। अब वन परिक्षेत्र बरमकेला के पैकिन बीट क्षेत्र में हिंसक जानवर तेंदुए जैसे बड़े जानवर का पदचिन्ह मिले हैं। ऐसे में आसपास के गांवों को अलर्ट कर दिया गया है और वन अधिकारियों ने ग्रामीणों को बेवजह जंगल की तरफ जाने पर मनाही कर दी गई है।
कुछ दिन पहले से ही पूरे क्षेत्र में जंगल में शेर आने की सुगबुगाहट चल रही थी। लेकिन स्पष्ट नहीं हो रहा था। दो दिन पहले सारंगढ़ वन विभाग के रेंजर राजेश तिवारी, बरमकेला डिप्टी रेंजर अर्जुनलाल मेहर इसी मामले में जानकारी जुटाने धौंरादरहा की तरफ जा रहे थे तो कुछेक स्थानीय ग्रामीणों ने जंगल में हिंसक जानवर आने की बात कही और जलाकोना गांव और धौंरादरहा गांव के बीच एक किसान के खेत पर इसके पदचिन्ह दिखाया गया। इसकी पुष्टि डिप्टी रेंजर मेहर ने भी की। उनका कहना था कि पदचिन्ह तेंदुए या बाघ का ही है लेकिन पुरानी है। ताज़ा चिन्ह की तलाश की जा रही है। इसके लिए आसपास के बीट गार्डों को भेजा गया है। साथ ही ग्रामीणों को जंगल में अकेला जाने अथवा बकरी जैसे पालतू मवेशी लेकर न जाने का मुनादी कराई गई है। ऐसे में इस क्षेत्र के आसपास गांवों में जंगल में हिंसक जानवर तेंदुआ या बाघ आने की चर्चा है और दहशत मचा हुआ है। हालांकि किसी ने नहीं देखा है मगर पदचिन्ह मिलने से शाम होते ही लोग घर में दुबक जा रहे हैं।
दो दिनों से खोज रहे ताज़ा पदचिन्ह :
वन विभाग बरमकेला की टीम दो दिनों से उक्त जानवर का पदचिन्ह खोजने? निकली थी। लेकिन ताजा पदचिन्ह नहीं मिल रहें हैं। ऐसे में दो दिन पहले मिले पदचिन्ह का मैप ट्रेस कर लिया गया है। इसका प्रतिवेदन भेजा जा रहा है। गांवों में मुनादी करा दी गई है।
अफवाह ऐसी कि कुत्ते को बाघ समझ रहे ग्रामीण :
इस क्षेत्र के गांवों में बाघ जैसे हिंसक जानवर को लेकर काफी डरे सहमे हुए है। बीती रात को आमापाली गांव में रात को बाहरी पागल कुत्ते को देख गांव के कुत्तों ने घेरकर भौंकने लगे तो ग्रामीण हिंसक जानवर समझ सभी ने दरवाजा बंद कर लिया था। जबकि वन अधिकारियों का कहना है कि हिंसक जानवर एक जगह में नहीं रहते हैं। सम्भावना जताई जा रही है कि उक्त जानवर गोमर्डा क्षेत्र के सेंचुरी तरफ बढ़ गया होगा या फिर ओडिशा की ओर आगे बढऩे की बात कह रहे हैं।
क्या कहते हैं डिप्टी रेंजर :
दो दिन पहले हिंसक जानवर का पदचिन्ह मिला है। पदचिन्ह बाघ का ही है यह कन्फर्म है। मैप ट्रेस कर लिया गया है। गांवों में मुनादी कराकर अलर्ट करा दिए हैं।
नूतन बंजारे, डिप्टी रेंजर लेन्धरा , बरमकेला, जिला- सारंगढ़ (छ.ग.)